वचन:
मत्ती 12:34
साँप के बच्चो! तुम बुरे हो कर अच्छी बाते कैसे कह सकते हो? जो ह्रदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता हैं!
अवलोकन:
यीशु में सब्त के दिन वास्तव में अच्छे काम करने की प्रवृत्ति थी, और इस वजह सें उसे हमेशा फरीसियों के साथ परेशानी आती थी।. इस अवसर पर, उसने सब्त के दिन एक व्यक्ति को चंगा किया था, और फरीसियों ने दावा किया कि उसने व्यवस्था को तोड़ा है. उसने उन्हें साँप के बच्चो ऐसा कहा जो सच नहीं बोल सकते थे। उसने कहाँ की जो ह्रदय मै भरा है वही मुँह से बाहर आता है, जब आप फरीसियों के पूर्ण पाखंड पर विचार करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि “वे इससे भरे हुए थे!”
कार्यन्वयन:
हमारे मुँह से जो कुछ भी निकलता है वह इस बात का संकेत है कि हमारे दिल में क्या है. राजा दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना की और उससे कहा, “हे परमेश्वर, मुझे परख और मेरा ह्रदय पहचान, मुझे जांच और मेरे विचारों को जान! मुझे देख, क्या मे कुमार्ग पर चल रहा हूं? प्रभू मुझे शाश्वत मार्ग पर ले चल; (भजन संहिता. 139:23,24) दाऊद एक पापी था, परन्तु वह परमेश्वर के अपने मन के अनुसार का एक मनुष्य भी था. “पापी” इस भाग पर कम जोर देने के साथ हम भी यही बनना चाहता है। हमे हर दिन प्रभु से कहना है की, “मुझे परख! क्या मेरे जीवन में कुछ ऐसा है जो तुझे नाराज़ कर रहा है. क्योंकि मैं उस तरह के चिजो से भरना नहीं चाहुंगा. हे प्रभू, मैं वास्तव में तुझे खुश करना चाहता हूं. निश्चित रूप से, मैं “इससे भरा हुआ” नहीं बनना चाहता! परंतू तेरी आत्मा से भरना चाहता हूँ! आज तय करें की आपके जीवन में यीशु बढे और हम घटे!
प्रार्थना:
प्रिय यीशु,
जब हम फरीसी की कहानी पढ़ते है, तो यह देखना आसान हो जाता है, “वे इससे भरे हुए थे! हे प्रभू मैं वह व्यक्ती नहीं बनना चाहता जो बुरी चिजो से भरा हुआ हैं! परंतू मुझे तेरे वचनों से, तेरे पवित्र आत्मा से भरे और मेरे ह्रदय से तेरा प्रेम, शांती और अच्छाई के फल दिखने पाए। प्रभू इसके लिए और यीशु को मेरे जीवन को प्रभू बनाने के लिए मेरी सहायते कर, यीशू के नाम मे आमीन.