वचन:
2 कुरिन्थियों 13:5
अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नही जानते, कि यीशु मसीह तुम में है, नही तो तुम निकम्मे निकले हो।
अवलोकन:
यहाँ प्रेरित पौलुस कुरिन्थ की कलीसिया को लिखे हूए अपने दूसरे पत्र की समाप्ती करता है, और उन्हें एक व्यक्तिगत परीक्षा लेने के बारे में लिखता है कि हर एक आध्यात्मिक रूप से कहाँ है! जब उनकी परीक्षा ली जाती है, तो वे जान जाते हैं कि वे विश्वास में दृढ़ हैं या नहीं। पौलुस ने कहा कि जब वे जान लेंगे कि उनमें मसीह है और उन्हें विश्वास से जीने की शक्ति देंगे, तो वे उन परीक्षाओंसे गुजर जाएंगे। लेकिन,पौल ने कहा, “तुम निकम्मे निकले हो।”
कार्यान्वयन:
आपने कितनी बार आध्यात्मिक EKG किया है? क्या आप केवल “यीशु के अनुयायी” होने की गतियों से गुजर रहे हैं? यह कुछ ऐसा है जो हर विश्वासीयो को लुभाता है। हम इस हिस्से को जीने के लिए ललचाते हैं लेकिन यीशु वास्तव में हमारे दिलों में पूरी तरह से समाएँ नहीं होते हैं कि वह किसी भी चुनौती में हमसे बाहर आ जाए। उनका चरित्र, सात्विकता, प्रेम, नम्रता, उदारता और दूसरों को अपने से आगे रखना यीशु के गुण हैं जो हम में रहते हैं। आप सोच रहे होंगे कि क्या आप आज परीक्षा पास करेंगे। इसे ढूंढने का केवल एक तरीका है। “अपने आप को जांचो!”
प्रार्थना:
प्रिय यीशु,
मैं अपने आप की जांच करता हूँ। प्रभू, मैं तेरे जैसा बनना चाहता हूं। मैं जानना चाहता हूं कि जो चीज मुझसे निकलती है वह धर्म नहीं होनी चाहिए, लेकिन तू मुझ में से निकलने पाए, जो मुझमें रहता हैं, मुझे चलाता हैं, मेरा मार्गदर्शन करता हैं, जो मेरे जीवन का प्रभु है, हे प्रभु, मेरे जीवन में तेरी महिमा हो. केवल तू ही मेरे जीवन में दिखाई दे, इसलिए मुझे अपने आप को जांचने मे मेरी सहायता करे यीशु के नाम से आमीन।