यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनाने वालों को परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा।
यदि हम जो करते हैं उसमें सफल होना चाहते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम ईश्वर को परियोजना का प्रभारी बनने के लिए आमंत्रित करें। चाहे हम विवाह, व्यवसाय या जीवन का निर्माण करने का प्रयास कर रहे हों, हमारा श्रम तब तक व्यर्थ होगा जब तक कि ईश्वर निर्माण समिति का प्रमुख न हो।
आज अपने जीवन के बारे में सोचें और अपने आप से पूछें कि क्या आप ऐसे काम करने की कोशिश कर रहे हैं जिनका हिस्सा बनने के लिए आपने ईश्वर को आमंत्रित नहीं किया है। यदि हां, तो मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि आप संघर्ष कर रहे हैं और शायद निराश हैं क्योंकि चीजें ठीक से काम नहीं कर रही हैं। ईश्वर आपकी सहायता के लिए आमंत्रित होने की प्रतीक्षा कर रहा है, और आपको बस उससे माँगने की आवश्यकता है। अपने आप को उसके हाथ के नीचे विनम्र करें, और वह आपका मार्गदर्शन और मार्गदर्शन करेगा।
पिता, मुझे अपने जीवन में इतनी सारी चीजों से आपको दूर रखने के लिए खेद है। मैं मानता हूं कि मुझे आपकी जरूरत है और आपके बिना कुछ भी सफल नहीं होगा। कृपया मेरी मदद करें, मेरा मार्गदर्शन करें और मेरे सभी प्रयासों में मेरा मार्गदर्शन करें। धन्यवाद। यीशु के नाम पर, आमीन।