“विश्वास = धार्मिकता”

"विश्वास = धार्मिकता।"

“विश्वास = धार्मिकता”

वचन:

उत्पत्ति 15:6

अब्राम ने प्रभु पर विश्‍वास किया, और प्रभु ने अब्राम के इस विश्‍वास को उनकी धार्मिकता माना।

अवलोकन:

अब्राम का कोई पुत्र नहीं था, परन्तु उसे परमेश्वर से यह प्रतिज्ञा मिली थी कि उसकी सन्तान आकाश के तारों के समान बहुत होगी। जब उसने उस प्रतिज्ञा पर विश्वास किया, तो परमेश्वर ने कहा कि अब्राम एक धर्मी व्यक्ति था। “विश्वास = धार्मिकता।”

कार्यान्वयन:

उत्पत्ति से यह परीच्छेद पूरी बाइबल में दोहराया गया है। भजन संहिता, रोमियों, गलातियों, इब्रानियों और याकूब सभी इस सन्दर्भ का उल्लेख करते हैं। जब कोई पुरुष या स्त्री परमेश्वर में विश्वास करने का निर्णय लेती है, तो परमेश्वर तुरंत उनके पक्ष मे धार्मिकता को गिनता है। हाँ, यह “यीशु के अनुयायी” के रूप में परिपक्वता बढ़ने की शुरुआत है, फिर भी यह सच है कि परमेश्वर में तत्काल विश्वास का परिणाम परमेश्वर की ओर से तत्काल धार्मिकता है। यह इतना नहीं है कि हम कितना करते हैं, लेकिन हम किस पर विश्वास करते हैं यह ज्यादा महत्वपुर्ण है। नूह ने परमेश्वर में विश्वास किया, और उसके कारण उसने परमेश्वर से अनुग्रह प्राप्त किया, परन्तु कदाचित् इब्राहीम परमेश्वर से प्राप्त “प्रतिज्ञा” पर विश्वास करने वाला पहला व्यक्ति था। परमेश्वर ने इसे हमेशा की वाचा कहा, और इब्राहीम ने विश्वास किया। धार्मिकता हमेशा विश्वास से प्राप्त होती है विषम परिस्थितियों में भी अब्राहम का परमेश्वर में विश्वास उसके लिए धार्मिकता के रूप में गिना गया। “विश्वास = धार्मिकता।”

प्रार्थना:

प्रिय यीशु,

आज मैंने सीखा कि धार्मिकता से पहले विश्वास आना चाहिए। हाँ मुझे आप पर विश्वास है! यीशु के नाम में आमीन।