वचन:
प्रेरितो 3:6
किन्तु पतरस ने कहा, “मेरे पास न तो चाँदी है और न सोना। मेरे पास जो है, वही तुम्हें देता हूँ : नासरत-निवासी येशु मसीह के नाम से उठो और चलो-फिरो!”
अवलोकन:
बेशक, यह पतरस और यहुन्ना की प्रसिद्ध कहानी है, जो एक दिन प्रार्थना करने के लिए ‘सुंदर’ कहे जाने वाले द्वार से मंदिर जाते हैं। जैसे ही वे मंदिर के पास पहुंचे, एक व्यक्ति जो जन्म से ही अपंग था, उसने उनसे पैसे मांगे। पतरस ने उस से कहा, मेरे पास न तो सोना है और न चान्दी, परन्तु जो मेरे पास है वह तुझे चाहिए। उस समय, पतरस ने उसे यीशु के नाम से उठने और चलने की आज्ञा दी। और, शास्त्र कहता है, वह उठा और चलने लगा।
कार्यान्वयन:
निःसंदेह, मैं यहाँ पतरस के शब्दों की व्याख्या कर रहा हूँ, परन्तु सच्चाई यह है कि जब पतरस ने यीशु के नाम से उस व्यक्ति को चंगा किया, तो ठीक वही हुआ जिसकी उस व्यक्ति को आवश्यकता थी। जब आप जन्म से अपंग हो और अब आप चल रहे हों, तो ऐसा लगता है कि आपको एक नया जीवन मिल गया है! वह अब एक लंगड़ा आदमी नहीं रहा; वह एक चमत्कार प्राप्त करने वाला व्यक्ती बना। लोगों की उनके प्रति धारणा बदल गई। जो लोग उस पर ध्यान नहीं दे रहे थे, वे अब उसे आश्चर्य से देख रहे हैं, आज हमें क्या चाहिए? मैं यह इसलिए पूछता हूँ क्योंकि “यीशु कल, आज और हमेशा के लिए वही है!” (इब्रा. 13:8) वह आज आपके लिए वही कर सकता है जो उसने दो हज़ार साल पहले दरवाज पर बैठे लंगड़े आदमी के लिए किया था। “यीशु के पास वह सब कुछ है जो हमे चाहिए।”
प्रार्थना:
प्रिय यीशु,
मैं इस समय आभारी हूं कि आपके पास मेरी जरूरत की हर चीज है। क्योंकि आप इसे मेरे लिए पहले ही कर चुके हैं, मुझे पता है कि आप इसे फिर से करेंगे। आपकी मदद से मुझे जो चाहिए वो मिलेगा, जरूरत पड़ने पर मैं सबसे पहले आपको आवाज दुंगा। यीशु के नाम में आमीन।