वचन:
यशायाह 9:2
जो लोग अन्धकार में भटक रहे थे, उन्होंने बडी ज्योति देखी; जो लोग गहन अन्धकार के क्षेत्र में रहते थे, उन पर ज्योति उदित हुई।
अवलोकन:
जब यशायाह ने यह सन्देश दिया, तो वह स्वयं राजा आहाज के भयानक और अन्धकारमय राज्य में जी रहा था। फिर भी यह भविष्यवाणी, जिसे आप पढ़ रहे हैं, आने वाले मसीहा, यीशु के बारे में एक भविष्यवाणी है। वह अभी भी यीशु से सैकड़ों वर्ष दूर थी, जो बेतलेहेम में पैदा हुआ था और गलील में पला-बढ़ा था, लेकिन यशायाह के इस भविष्यसूचक संदेश ने परमेश्वर के लोगों के लिए नई आशा उत्पन्न की होगी। कैसे? क्योंकि वे उस समय अँधेरे में जी रहे थे और उनकी अँधेरी दुनिया में प्रकाश पाने की सोच ही उनके लिए काफी थी। यीशु, “वह प्रकाश है।”
कार्यान्वयन:
अभी आप अन्धकार की बातों से जूझ रहे हैं? हो सकता है कि आज आपको जीवन में कुछ भी अच्छा न दिखे। हर तरफ मायूसी और अँधेरा महसुस होता होगा। बीमारी, असफलता, तनाव, दरिद्रता, झगडा आदि आपको उस अंधकार का अनुभव करा सकते हैं। हो सकता है कि आपका अंधेरा आपके लिए बहुत ज्यादा बोझ बन गया हो। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब आपको यह बोझ अकेले नहीं उठाना पड़ेगा, क्योंकि यीशु, “वह प्रकाश है।” मुझे विश्वास है कि आपने कीड़ों या चूहों को देखा होगा जो रोशनी के आते ही गायब हो जाते हैं। मेरा विश्वास करो, जब यीशु, जो प्रकाश है, आपके अंधेरे जीवन में आता है, तो आपको सताने वाली सभी बुराईयों को भागना होगा क्योंकि “वह प्रकाश है!”
प्रार्थना:
प्रिय यीशु
तुम मेरी ज्योति और मेरा उध्दार हो। यह जानकर कि तुम हमेशा मेरे साथ हो, मैं दुनिया के बाकी हिस्सों में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए उठ खड़ा हुआ हूँ ! आपके साथ हर दिन एक नया दिन है। परमेश्वर, धन्यवाद कि मेरे जीवन के अन्धकार को हमेशा के लिए भगाने के लिए क्योंकि आप ही सच्चे प्रकाश हैं। यीशु के नाम से आमीन।