प्रभु मेरा चरवाहा है [मुझे खिलाने, मार्गदर्शन करने और ढाल देने के लिए], मैं नहीं चाहूँगा।
यदि हम अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं या जीवन में सफलता पाना चाहते हैं, तो यह आवश्यक है कि हम ईश्वर के नेतृत्व का अनुसरण करें।
हमेशा ऐसे लोग होंगे जो हमें सलाह देंगे। इसमें से कुछ तो अच्छा हो सकता है, लेकिन अधिकतर नहीं भी हो सकता है। या यह अच्छी सलाह हो सकती है लेकिन गलत समय पर, या यह ऐसी सलाह हो सकती है जो हमारे काम नहीं आएगी। यह महत्वपूर्ण है कि हम हमेशा पहले ईश्वर की ओर देखें और उनके मार्गदर्शन और निर्देश को सुनें।
परमेश्वर ने हमें अद्वितीय व्यक्तियों के रूप में बनाया है, और वह हम सभी का नेतृत्व एक ही तरह से नहीं करता है। परमेश्वर के पास हम में से प्रत्येक के लिए एक अलग, अद्वितीय, व्यक्तिगत योजना है। इसलिए, यदि आप अपनी दौड़ जीतना चाहते हैं, तो आपको अपनी खुद की दौड़ने की शैली ढूंढनी होगी।
बेशक, हम दूसरे लोगों से सीख सकते हैं, लेकिन हम अपने व्यक्तित्व को खोने की कीमत पर उनकी नकल करने की कोशिश करने की हिम्मत नहीं करते। दूसरों की सलाह और उदाहरण की सराहना करें, लेकिन परमेश्वर के साथ अपने शांत समय में, उनसे मार्गदर्शन मांगें और उनके द्वारा दिए गए संकेतों का पालन करें।
प्रभु, आज मैं आपसे विनती करता हूं कि आप अपने नेतृत्व का पालन करने में मेरी सहायता करें। मेरी दृष्टि आप पर स्थिर रखते हुए मेरे लिए सर्वोत्तम मार्ग ढूंढने में मेरी सहायता करें, आमीन।