क्योंकि हमारे पास ऐसा महायाजक नहीं है जो हमारी कमजोरियों और दुर्बलताओं तथा प्रलोभन के हमलों के प्रति उत्तरदायित्व को समझने और सहानुभूति रखने तथा साझा भावना रखने में असमर्थ है, बल्कि ऐसा कोई है जो हमारी ही तरह हर मामले में प्रलोभित हुआ है, फिर भी बिना पाप किए।
हममें से ज्यादातर लोगों को कभी-कभी ऐसा लगता है कि कोई हमें नहीं समझता। हम दूसरों से अलग महसूस कर सकते हैं क्योंकि हम उनके जैसे नहीं हैं या क्योंकि वे उन क्षेत्रों में मजबूत हैं जिनमें हम कमजोर हैं। यह एक अकेला एहसास हो सकता है, लेकिन हकीकत में हम कभी अकेले नहीं होते। यीशु हमेशा हमारे साथ हैं और वह हमें समझते हैं।
यीशु न केवल हमारी कमजोरियों को समझते हैं और जब हम शैतान द्वारा प्रलोभित होते हैं तो हम किन परिस्थितियों से गुजरते हैं, बल्कि वह हमारे बारे में सब कुछ समझते हैं। जब यीशु पृथ्वी पर चले तो लोग निश्चित रूप से उन्हें समझ नहीं पाए। यहां तक कि उसका अपना परिवार भी उसे नहीं समझता था, लेकिन वह यह जानकर संतुष्ट था कि स्वर्ग में उसके पिता ने उसके बारे में प्रत्येक बात और पृथ्वी पर उसके जीवन के दौरान जो कुछ भी अनुभव किया था, उसे पूरी तरह से समझा।
आपके बारे में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके बारे में प्रभु को जानकारी नहीं है, और वह हर उस चीज़ की परवाह करता है जो आपसे संबंधित है।
पिता, मुझे समझने और मुझे स्वीकार करने के लिए धन्यवाद! मुझे यह याद रखने में मदद करें कि आप हमेशा मेरी तरफ हैं, भले ही दूसरे न हों।