मूसा ने यहोवा से कहा, “हे प्रभु, अपने दास को क्षमा कर दे। मैं कभी वाक्पटु नहीं रहा. . . .मैं बोलने और बोलने में धीमा हूँ।”
जिस प्रकार परमेश्वर ने मूसा की चिंताओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया, उसी प्रकार वह हमारे संदेहों को भी देखता है और हमारी सीमाओं को जानता है। परन्तु परमेश्वर ने अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए, हम जैसे अपूर्ण हैं, हमें चुना है। और हमारी कमज़ोरी के क्षणों में ही ईश्वर की शक्ति चमकती है। वह अपनी महिमा के लिए असाधारण उपलब्धि हासिल करने के लिए हमारा उपयोग करने में प्रसन्न होता है।
जब हम अपर्याप्त महसूस करते हैं, तो आइए याद रखें कि हमारी पर्याप्तता केवल ईश्वर से आती है। वह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधन, बुद्धि और शक्ति प्रदान करता है। हम इस बात पर भरोसा कर सकते हैं कि ईश्वर हमें वही सब उपलब्ध कराएगा जिसकी हमें आवश्यकता है, और वह हमें अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए कभी भी अकेला नहीं छोड़ेगा।
हे परमेश्वर, हमारी कमज़ोरियों के बावजूद हमें चुनने के लिए आपका धन्यवाद। जैसा कि आप हमें करने के लिए कहते हैं, वैसे ही सेवा करने के लिए विश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए हमें मजबूत करें। यीशु के नाम पर, आमीन।